देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर की खराब सड़कें सरकार और सत्ता पर काबिज बीजेपी के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं। इसका खामियाजा बीजेपी की मेयर को अपनी परंपरागत सीट को 57 साल बाद गंवाकर चुकाना पड़ा है। चुनाव में हार की वजह डबरा और ग्वालियर की बदहाल सड़कें थी। हालात ऐसे है किं चुनावी साल में जहां सरकार को अपनी उपलब्धियां गिनाना थी उनके मंत्री चप्पल छोड़कर समस्या को और ज्यादा हवा दे रहे हैं। लेकिन अब शहर के साथ गांव में भी खराब सड़कें और स्वीकृत होने के बावजूद उनका निर्माण न होना बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। जिला पंचायत बैठक में हर सदस्य इसी समस्या का रोना रोते दिखा। उनकी दिक्कत ये है कि अनुबंध होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।
सदस्य बोले कम से कम चलने लायक सड़कें तो बना दो
जिला पंचायत पर बीजेपी का राज है और प्रदेश में भी सरकार उनकी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में सड़कें जर्जर हालत में हैं। साधारण सभा की बैठक में इन्हीं खराब सड़कों का मुद्दा छाया रहा। ज्यादातर सदस्यों का कहना था कि खराब सड़कों के लिए जनता ताना मारती है इसको लेकर सभी ने कहा कि अगर उन्हें डामर या सीमेंट की नहीं किया जा रहा है तब तक उन्हें मोटरेबल बना दें,जिससे लोग उन पर चल सकें।
टेंडर और एग्रीमेंट तक हुए लेकिन काम शुरू ही नहीं हुआ
जिला पंचायत सदस्य केशव सिंह बघेल ने कहा कि चीनौर से मेहगांव-करहिया तक की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इसके साथ कई सड़कें ऐसी हैं जिनकी निर्माण स्वीकृति और टेंडर ही नहीं एग्रीमेंट तक हो चुके हैं। नियमानुसार इस प्रक्रिया के 1 महीने बाद ही ठेकेदारों को काम शुरू कर देना चाहिए था लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है ।
सात दिन में मोटरेबल बनाने के निर्देश
बैठक की अध्यक्षता कर रहीं जिला पंचायत की अध्यक्ष दुर्गेश जाटव ने अधिकारियों से कहा कि 7 दिन में सड़कों को मोटरेबल बनाया जाए और फिर तत्काल काम शुरू कराया जाए। सीईओ आशीष तिवारी ने वहां मौजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से कहा कि काम में देरी करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी करें।
अध्यक्ष के क्षेत्र में काम होने पर सदस्यों ने हंगामा किया
बैठक के दौरान सदस्यों को किसी ने ये खबर पहुंचा दी कि अध्यक्ष दुर्गेश जाटव ने अपने क्षेत्र में दस काम स्वीकृत करा लिए हैं और इनका अनुमोदन भी परिषद की बैठक में नहीं कराया गया है। इसको लेकर सदस्यों ने खूब हंगामा किया। यह काफी देर तक चला । अधिकारियों ने जैसे-तैसे सभी को शांत कराया।